एक और जहां देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है देश को डिजिटल इंडिया बनाने का सपना देखा जा रहा वहीं दूसरी ओर एक ऐसे हिंदुस्तान की तस्वीर भी है जहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी मयस्सर नहीं
स्पेशल स्टोरी--------/---/---रिपोर्टर प्रवीण सोनी। लोकेशन बड़वानी स्लग-चेरवी बेहाल स्वास्थ्य व्यवस्था 13-7-19 Anchor introduction एक और जहां देश में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी की जा रही है देश को डिजिटल इंडिया बनाने का सपना देखा जा रहा वहीं दूसरी ओर एक ऐसे हिंदुस्तान की तस्वीर भी है जहां लोगों को मूलभूत सुविधाएं दी मयस्सर नहीं, बुलेट ट्रेन, ट्रेन तो ठीक है इन लोगों को पास सड़कें तक नहीं आज भी यह लोग ना सिर्फ मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं बल्कि मरीजों को के लिए एक या दो गांव की बल्कि दर्जनभर गांव ऐसे हैं जहां लोग लोगों के लिए जीवन एक संघर्ष है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आजादी कई साल बीत जाने के बाद आखिर क्यु सरकार इन तक नहीं पहुंच पाई और सबसे बड़ा सवाल आखिर कब तक सरकार इनकी दहलीज़ पर पहुँच पायेगी, Voice over 01 बात अगर सरकार के दावों की हो तो सरकारें एक और जहां बुलेट ट्रेन और डिजिटल इंडिया को लेकर व्यस्त और जमीन से लेकर आसमान तक सरकारों द्वारा बड़े बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन अगर जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो माजरा कुछ जुदा जुदा सा लगता है कहते हैं हिंदुस्तान गांव में बसा है लेकिन बड़वानी जिले के कुछ गांव को देखकर ऐसा लगता है कि गांव में बसने वाले हिंदुस्तान में सरकार इन तक पहुंची ही नहीं या सिर्फ वोट लेने के बाद इनकी पलटकर सुध तक नहीं ली, यहां मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं से बड़वानी जिले के पाटी क्षेत्र के ग्राम चेरवी के आसपास के क्षेत्र वंचित हैं चेरवी लगने वाले हाट बाजार में कई झोलाछाप डॉक्टर भी अपनी दुकानें लगाते हैं और इन झोलाछाप डॉक्टरों के चुंगल में यहां का भोला-भाला आदिवासी आ जाता है लोगों का कहना है कि यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है इस कारण ऐसे डॉक्टरों से इलाज कराने को मजबूर होना पड़ता है, यहां काम करने वाले फर्जी जन स्वास्थ्य रक्षक का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर यहां बड़े स्तर पर काम कर रहे हैं इनका कहना है कि झोला छाप डॉक्टर सीरियस केश भी हैंडल करते हैं जो कि सीधे तौर पर लोगों की जान से खिलवाड हैं बेख़ौफ़ अपनी निजी क्लीनिक संचालित कर रहे निजी क्लीनिक में आप मरीजो को हॉट में सुलाकर स्लाइन लगाते है रोड पर सब्जी की तरह बिना डिग्री धारी दवाई बचते हैं इस क्षेत्र के आस पास बने उप स्वास्थ्य केन्द्र के ताले तक नही खुलते वही बमनाली के उपस्वास्थ्य केंद्र को तो बच्चो व शरारती तत्वों ने तोड़ फोड़ कर दी वही रोसर बना उपस्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा हैं। अति पिछड़ा पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण आधीकांश ग्रामीण गधो से अपनी खरीदारी व समान ले जाने का काम करते है। बाइट-वी के जैन मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी बड़वानी। बाइट-अभयसिंग ओहरिया एस डी एम बड़वानी। बाइट-गजेंद्र पटेल सांसद बाईट-अर्जुनसिंह बामनिया (फर्जी जनस्वस्थ रक्षक ) बाइट-जगन सिंग सोलंकी हाट बाजार समिति अध्यक्ष चेरवी बाइट- मोनी बीमार मरीज। बाइट-एस के विश्वास बंगाली फर्जी डॉक्टर चेरवी। बाइट-दिनेश ग्रामीण ग्राम बमनाली(उपस्वास्थ्य केंद्र बंद के बारे में बताते हुये)
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