बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका अनुमोदन जनपद पंचायत, जिला उद्योग केंद्र, आदिवासी विकास िवभाग, जिला

शासन द्वारा युवा बेरोजगारों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से उन्हें बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसका अनुमोदन जनपद पंचायत, जिला उद्योग केंद्र, आदिवासी विकास िवभाग, जिला अंत्यव्यवसाई, खादी ग्रामोद्योग, नगर निगम और नगर पालिका द्वारा किया जाता है। लेकिन नेपानगर नगर पालिका द्वारा इस योजना में दिए गए ऋण को लेकर अनुदान की राशि बैंकों को नहीं दी जा रही है। इस कारण हितग्राहियों को योजना का खास लाभ नहीं मिल पा रहा है। आए दिन बैंकों में योजना के अनुदान को लेकर प्रबंधक और कर्मचारियों से हितग्राहियों का विवाद हो रहा है।

बैंक अफसरों द्वारा कई बार नगर पालिका को पत्र लिखकर समस्या बताई गई। चालू वित्तीय वर्ष खत्म होने में एक सप्ताह का समय बचा है। अगर हितग्राहियों को अनुदान नहीं मिला तो उनकी परेशानी बढ़ जाएगी। बैंक अफसरों ने इसके पीछे नगर पालिका द्वारा आगे की कार्रवाई नहीं करना कारण बताया जा रहा है। शासन मुख्यमंत्री स्वरोजगार और मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजनाओं के तहत हितग्राहियों को एक लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराता है। इसमें 80 हजार बैंक और शेष 20 हजार रुपए अनुदान के तौर पर शासन द्वारा दिए जाते हैं। लेकिन पिछले दो साल से नेपानगर नगर पालिका की ओर से बैंकों में दिए गए अनुमोदन की अनुदान राशि नहीं दी जा रही है। बैंकों ने फायनेंस कर दिया, इधर अब हितग्राही अनुदान के लिए परेशान हो रहे हैं।

आए दिन अनुदान को लेकर प्रबंधक और कर्मचारियों से हितग्राहियों का हो रहा विवाद

नगर पालिका से होता है योजनाओं का क्रियान्वयन।

शिकयत… सब्सिडी नहीं मिलने से बढ़ रही मासिक किश्त

परेशानी को लेकर कई हितग्राही नगर पालिका के चक्कर काट रहे हैं। इसको लेकर सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की गई है। हितग्राहियों का कहना है एक लाख रुपए का ऋण लिया है। बैंक से यह रकम मिल गई। इसमें 20 हजार रुपए की सब्सिडी है। लेकिन इसके नहीं मिलने के कारण पूरे एक लाख रुपए पर ब्याज देना पड़ रहा है। इससे मासिक किश्त में अधिक राशि का भुगतान करना पड़ रहा है। इससे हितग्राही और बैंक अफसर दोनों परेशान हो रहे हैं।

बढ़ रहा बैंकों का एनपीए

बंैक अफसरों का कहना है योजना में हितग्राहियों को लाभ तो दे दिया गया है, लेकिन अनुदान नहीं मिलने के कारण भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे बैंकों का एनपीए बढ़ रहा है। इस कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

भुगतान… जितने बी-फार्म आए, उन्हें सब्सिडी दे दी गई है

परियोजना अधिकारी सलीम खान ने डेढ़ महीने पहले बताया था स्वरोजगार योजना में अनुदान राशि शासन से नहीं मिली है। जो मिली थी वह दे चुके हैं। इसके बाद आर्थिक कल्याण योजना में जितने बी फार्म नगर पालिका की ओर से आए हैं, उनका भुगतान हो चुका है। इस बार स्वरोजगार योजना का फंड नहीं आया है। भोपाल से इसकी मांग की गई। फिर भी हितग्राहियों को राशि नहीं मिली है तो इसकी जिम्मेदारी नगर पालिका की है। वहां से संबंधित के बी फार्म नहीं भेजे गए होंगे।

परेशानी… कई हितग्राहियों को पिछले वित्तीय वर्ष का भी नहीं मिला अनुदान

इनमंें कई ऐसे हितग्राही भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले वित्तीय वर्ष की अनुदान राशि भी नहीं मिली है। नगर में एसबीआई, बैंक ऑफ इंडिया और नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक के माध्यम से योजना का लाभ दिया गया है। इनमें बीओआई ने पूर्व के वित्तीय वर्ष में 20 केस िकए। उनका अनुदान अब तक रुका है। इस साल 2018-19 में 3 स्वरोजगार और 3 आर्थिक कल्याण के केस हैं। इनका अनुदान भी नहीं मिला है। नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक ने पिछले वित्तीय वर्ष में स्वरोजगार के 20 केस किए थे। इनमें 15 का अब तक अनुदान नहीं आया है। इस वर्ष के स्वरोजगार में 9 और आर्थिक कल्याण के 10 केस किए हैं। इसी प्रकार एसबीआई ने भी इतने ही केस किए हैं। लेकिन उपभोक्ताओं को अनुदान नहीं मिला है।

जिम्मेदारी… नगर पालिका के कर्मचारी को दिए बी-फॉर्म की रिसीविंग भी है

मामले में बीओई के मुख्य प्रबंधक एसपी अहिरवार और नर्मदा झाबुआ ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक अमित सोलंकी ने बताया आवेदकों के फार्म नगर पालिका द्वारा भेजे जाते हैं। स्वीकृति के बाद उनकी सब्सिडी की जिम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है। इसके लिए जारी किए गए बी-फार्म नगर पालिका के कर्मचारी को दिए गए हैं। उनकी रिसीविंग भी है। अधिकारियों ने बताया समस्या को लेकर कई बार नगर पालिका के अफसरों को अवगत कराया गया है। सब्सिडी के लिए आए दिन हितग्राही विवाद कर रहे हैं। नगर पालिका ने अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए लोगों को योजना का लाभ दिला दिया, लेकिन अब सब्सिडी के लिए परेशान कर रहे हैं।

योजना दी है तो इसका लाभ भी देंगे

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