शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही है। शहर के चौराहों पर ट्रैफिक के सिपाही तो नजर आते है, लेकिन यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई न करने से वाहन चालक मनमानी पर उतारु है। इतना ही नहीं शहर की सड़कों पर वाहन चालकों का जहां मन चाहा वहीं वाहन खड़ा कर देते है।
पिछले महीने यातायात पुलिस ने बैंक प्रबंधकों को नोटिस जारी करते हुए पार्किंग की व्यवस्था करने की बात कही थी, जिसमें नियम का पालन न होने पर कार्रवाई करने का लेख किया था, लेकिन यह यातायात कागजों में ही सुधर गया। बैंकों के सामने बाइकों का मेला लगता है, जिससे जाम की स्थिति निर्मित होती है। लेकिन इन पर कार्रवाई करने की हिम्मत पुलिस नहीं जुटा पा रही है।
गाैरतलब है कि शहर में आमजनों को इन दिनों यातायात की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। काफी समय से लोग काफी परेशान हैं। अब शहरवासियों को नए एसपी तिलक सिंह से उम्मीदें हैं। लोगों का मानना है कि नए एसपी यातायात की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराएंगे। वहीं बता दें कि यातायात प्रभारी पूर्णिमा मिश्रा को यातायात दुरुस्त कराने की फुर्सत बिलकुल भी नहीं है। सिर्फ कागजों में ही खानापूर्ति करते हुए रोजाना सुबह 8 बजे से यातायात थाना के सामने ट्रकों को रोककर चैकिंग की जाती है और चैकिंग के नाम पर पूरा सिस्टम चलता है। जनता परेशान हो रही, इससे उन्हें कोई मतलब नहीं।
हर जगह जाम, जनता परेशान: शहर के अंदर यातायात के नियम कानून का कोई मतलब ही नहीं बचा है। वाहन चालकों का जहां से मन होता है वहां से वाहनों को निकालते हैं। भारी वाहनों के चालक अपने वाहन सड़क पर ही खड़ा करके चले जाते हैं, जिसके कारण प्रति दिन जाम से राहगीरों को गुजरना पड़ता है। शहर के छत्रसाल चौराहा, चौक बाजार, बस स्टेंड तिराहा, महल चौक, जवाहर रोड, पठापुर रोड सहित अन्य स्थानों पर रोजाना जाम की स्थिति निर्मित होती है। इससे निपटने के लिए यातायात प्रभारी द्वारा कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे है। इन स्थानों पर वाहन चालक अपनी मनमानी करते रहते हैं। सड़क पर ही वाहनों को खड़ा कर देते हैं। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। इसके अलावा किसी राहगीर ने सड़क पर वाहन खड़ा करने का विरोध किया तो वाहन चालक झगड़ा करने पर उतर आते हैं। कुल मिलाकर ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता से शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से बेपटरी होती जा रही है।
ऑटो चालकों पर नहीं लगाम
शहर में जहां मन किया वहीं ऑटो खड़ा कर दिया। एक मिनट के ठहराव की तो बात ही नहीं रही। छत्रसाल चौराहे पर चारों तरफ की सड़कों पर ऑटो खड़े रहते है। इन सब नजारों को यातायात पुलिस देखती भी रहती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हो रहा है। यातायात पुलिस को यातायात का पालन कराने के लिए ही निर्धारित किया गया है। लेकिन यातायात पुलिस ऑटो चालकों को नियम का पाठ नहीं सिखा पा रहे हैं और इन पर लगाम भी नहीं है।
नियम का पालन हो, तो सुधरे व्यवस्थाएं
यातायात के नियमों का पालन यदि यातायात पुलिस द्वारा शहर के ऑटो चालकों को कराया जाए, तो शहर की यातायात व्यवस्था सुधर सकती है। पैदल चल रहे राहगीरों को आवाज लगाते हुए बीच सड़क ही ऑटो चालक ऑटो खड़ा कर देते है, जिससे घंटों के लिए जाम लग जाता है। राहगीर और दो पहिया वाहन चालक इस बात को लेकर परेशान रहते है कि एक ओर सड़क खराब वहीं यातायात बेपटरी।
Ãयातायात व्यवस्था को लगातार दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं। बैंकों के सामने अगर अब वाहन खड़े हो रहे हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे। जहां तक बात जाम लगने की है, तो मैं बता दूं कि नगर पालिका का मुझे इस मामले में कोई सहयोेग नहीं है। नगर पालिका मेरे साथ खड़े होने को तैयार नहीं, हम चार लोग कैसे क्या करेंगे। अगर सहयोग मिले, तो हम जरुर ही व्यवस्थाएं दुरुस्त करेंगे। – पूर्णिमा मिश्रा, यातायात प्रभारी छतरपुर
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