गणगौर माता व ईश्वर (ईशर) राजा के सजे संवरे रथो को सोलह श्रृंगार की हुई

निवाली,२२ मार्च–गुरुवार, ( अमित ब्राह्मणे ) शाम ६बजे के बाद खेतिया रोड से बुधवार को माता बौडाने वाले मंशाराम अलावे के निवास स्थल से ढोल ढमाको वह बेंडबाजे के साथ गणगौर माता व ईश्वर (ईशर) राजा के सजे संवरे रथो को सोलह श्रृंगार की हुई महीलाओ ने माता के रथों को सिर पर धारण कर लगभग २४ रथों व ज्वारों की टोकनीयो के साथ माता के गीत गाते हुए सैकड़ों महिलाओं के साथ पुरुष भी सेंधवा रोड़ पर पीपल चौराहे पहुंचे माता के साथ शरीर में माता का अंश लिए झुमती हुई छोटी छोटी बच्चियों लड़कियों महीलाऐ माथे पर कलश रखें निकली माताओं की सेवा में चरण पखारते सैकडो भक्त साथ चल रहे थे सेंधवा रोड पीपल चौराहे पर माताओं को मनावन का दौर चला ओझा व जानकारो व लोगों ने माता को मना लिया पप्पु भाई सोलंकी राजकुमार सोलंकी राजेन्द्र सोलंकी रमेश सोलंकी के व्दारा रथ बौड़ाई का काम पुरा हुआ पीपल चौराहे से माताओं को रथ बौडाने वाले सोलंकी परीवारसारे रथों को अपने घर गुड़ीया रोड पर ले गये और गुरुवार पुरी रात व शुक्रवार पुरा दिन कुल २४घंटो तक माताओं की सेवा करने का मौका मिलेगा इस दौरान रथ वाले परीजनो का खाना पीना रथ बौडाने वाले परीवारो में होगा रात भर माताओं के गीतो के साथ झालरीये दिये जायेगे माताओ को पानी पिलाने की रस्म निभाई जायेगी माताओं को भोजन का भोग लगाया जाता है रथ लाने वाले परीवार के जोड़े व परीजनो व मेहमान व बहन बेटियों को भोजन कराने का काम होगा

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