वझ्रर में विशाल शिवलिंग आकर्षण का
इस बड़े शिवलिंग में 1008 शिवलिंग समाहित हैं।
अमित ब्राह्मणे
निवाली से 6 किमी दूर वझ्रर में विशाल शिवलिंग आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस बड़े शिवलिंग में 1008 शिवलिंग समाहित हैं। लोगों का मानना है कि यहां जमीन के नीचे हजारों साल पुराना पातालेश्वर मंदिर छिपा है।पढ़ें, खुदाई में मिली थी प्रतिमाएं...
- गांव के बुजुर्गो ने बताया कि 25 साल पहले वझर गांव में कुछ लोगों को हनुमानजी की प्रतिमा दिखाई दी थी। प्रतिमा को स्थापित करने के लिए खुदाई के दौरान कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं और मंदिर के प्रवेश द्वार भी निकले।
- यहां निकले एक पत्थर में 1008 शिवलिंग उकेरे गए हैं। इसके साथ एक बड़ा नंदी भी है। इसमें 100 से ज्यादा अलग-अलग तरह की आकृतियां उकेरी गई है। ग्रामीणों का मानना है कि यहां जमीन के नीचे पातालेश्वर महादेव का मंदिर है। यदि खुदाई की जाए तो ये मंदिर नजर आने लगेगा। परिसर में हुई खुदाई के दौरान मंदिर का गुंबज दिखाई दिया था। इसके बाद आगे खुदाई नहीं की गई। कि 1983 में एनएसएस के माध्यम से प्रतिमाओं को एक स्थान पर एकत्रित किया गया था। साथ ही खेतों की मेढ़ों पर पड़ी प्रतिमाओं को भी उठाकर एक स्थान पर रखा गया था। इसके बाद मूर्तियों की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल भी बनवाई थी। वहा पर कोई भी नहीं होने से और संरक्षण नहीं मिलने से मूर्तियां चोरी होती जा रही हैं।
खेतों में भी निकलती हैं मूर्तियां
ग्रामीणों ने बताया निवाली के आसपास के गांवों के खेतों में अभी भी देवी-देवताओं सहित अन्य तरह की प्रतिमाएं निकलती हैं। वहीं पास के गांव फुलज्वारी में पातालेश्वर महादेव का मंदिर बना है, जिसे बताया जाता है की यह भी खुदाई के दौरान ही मिला था।
जिले की प्रतिमाएं कसरावद और इंदौर के म्यूजियम में रखी
वझर में निकली कुछ प्रतिमाएं खरगोन जिले के कसरावद के म्यूजियम में रखी हैं। कुछ इंदौर के केंद्रीय म्यूजियम में रखी गई हैं। उन्होंने बताया जो अच्छी मूर्तियां थीं उन्हें पुरातत्व विभाग ने इन म्यूजियमों में रखवा दिया।

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